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Saturday, October 28, 2017
Saturday, September 9, 2017
Friday, September 8, 2017
Tuesday, August 15, 2017
What is a USSD code - जानें यूएसएसडी कोड क्या होता है
आप अक्सर मोबाइल का बेलेंस (Mobile Balance) पता करने के लिये एक छोटा सा यूएसएसडी कोड (USSD code) डायल करते हैं, जिससे आपका तुरंत मैसेज के जरिये या सीधे स्क्रीन पर मोबाइल का बेलेंस(Mobile Balance)पता चल जाता है, ऐसे ही मोबाइल में कई कामों के लिये आपको छोटे-छोटे यूएसएसडी कोड (USSD code)इस्तेमाल करने पडते हैं, आईये जानते हैं क्या होते हैं ये यूएसएसडी कोड -What is a USSD code
यूएसएसडी कोड क्या होता है - What is a USSD Code
आपको बता दें कि यह तकनीक कोई नई नहीं हैं, जब से मोबाइल फोन अस्तित्व में आये हैं तभी से यूएसएसडी कोड (USSD code) का इस्तेमाल होता है। एसएसडी कोड (USSD code) की Full Form है अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (Unstructured Supplementary Service Data), यह सर्विस किसी भी फोन में चल सकती है और वह भी बिना किसी Data Plan और बिना इंटरनेट (Without Internet) के, चाहे आपके पास कोई भी फोन हो इससे फर्क नहीं पडता है। आजकल सभी Telecom Company जैसे Vodafone, Airtel, BSNL, Aircel, Idea अपनी बहुत सारी सुविधायें जिसमें Checking on Number, SMS balance, Main Balance, Internet Pack Balance केवल एक छोटा सा USSD code टाइप करने से ही पता चल जाता है।
इसके लिये एक यूएसएसडी गेटवे (ussd gateway) की जरूरत होती है, जो Hardware और Software का कॉम्बिनेशन (combination) होता है जो USSD के माध्यम सेे messaging services को सक्षम बनाता है।
Facebook जैसी सोशल नेटवर्किग साइट ने उन लोगों के अपनी नई USSD सर्विस शुरू की है,
चला सकते हैं जिनके पास इंटरनेट और स्मार्टफोन जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। Facebook Without Internet - जिससे आप फोन पर बिना इन्टरनेट के फेसबुक
यूएसएसडी (USSD) को इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल हैंडसेट (Mobile handset) में कोई भी विशेष एप्लीकेशन (Applications) की जरुरत नहीं पड़ती हैंडसेट से एक छोटा कोड डायल किया जाता है, जिससे एक मेनू प्राप्त होता है जिसमें से आप दिये गये विभिन्न विकल्पों को चुन सकते हैं।
अब यूएसएसडी का प्रयोग फोन बैंकिंग (Phone Banking) केे लिये भी किया जा रहा है, जिससे आप फंड ट्रांसफर, बैंक खाते की जानकारी, बिल पेमेंट, चेक कैंसल, चेकबुक रिक्वेस्ट और एकाउंट स्टेटमेंट जैसी सुविधायें प्राप्त कर सकते हैं।
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यूएसएसडी कोड क्या होता है - What is a USSD Code
आपको बता दें कि यह तकनीक कोई नई नहीं हैं, जब से मोबाइल फोन अस्तित्व में आये हैं तभी से यूएसएसडी कोड (USSD code) का इस्तेमाल होता है। एसएसडी कोड (USSD code) की Full Form है अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (Unstructured Supplementary Service Data), यह सर्विस किसी भी फोन में चल सकती है और वह भी बिना किसी Data Plan और बिना इंटरनेट (Without Internet) के, चाहे आपके पास कोई भी फोन हो इससे फर्क नहीं पडता है। आजकल सभी Telecom Company जैसे Vodafone, Airtel, BSNL, Aircel, Idea अपनी बहुत सारी सुविधायें जिसमें Checking on Number, SMS balance, Main Balance, Internet Pack Balance केवल एक छोटा सा USSD code टाइप करने से ही पता चल जाता है।
इसके लिये एक यूएसएसडी गेटवे (ussd gateway) की जरूरत होती है, जो Hardware और Software का कॉम्बिनेशन (combination) होता है जो USSD के माध्यम सेे messaging services को सक्षम बनाता है।
Facebook जैसी सोशल नेटवर्किग साइट ने उन लोगों के अपनी नई USSD सर्विस शुरू की है,
चला सकते हैं जिनके पास इंटरनेट और स्मार्टफोन जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। Facebook Without Internet - जिससे आप फोन पर बिना इन्टरनेट के फेसबुक
यूएसएसडी (USSD) को इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल हैंडसेट (Mobile handset) में कोई भी विशेष एप्लीकेशन (Applications) की जरुरत नहीं पड़ती हैंडसेट से एक छोटा कोड डायल किया जाता है, जिससे एक मेनू प्राप्त होता है जिसमें से आप दिये गये विभिन्न विकल्पों को चुन सकते हैं।
अब यूएसएसडी का प्रयोग फोन बैंकिंग (Phone Banking) केे लिये भी किया जा रहा है, जिससे आप फंड ट्रांसफर, बैंक खाते की जानकारी, बिल पेमेंट, चेक कैंसल, चेकबुक रिक्वेस्ट और एकाउंट स्टेटमेंट जैसी सुविधायें प्राप्त कर सकते हैं।
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Sunday, August 13, 2017
कुल्हाड़ी की धार
एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम मोहन था । मोहन बहुत मेहनती था लेकिन थोड़ा कम पढ़ा लिखा होने की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल पा रही थी । ऐसे ही एक दिन भटकता भटकता एक लकड़ी के व्यापारी के पास पहुँचा । उस व्यापारी ने लड़के की दशा देखकर उसे जंगल से पेड़ कटाने का काम दिया ।
मोहन अब एक लकड़हारा बन गया था| नयी नौकरी से मोहन बहुत उत्साहित था , वह जंगल गया और पहले ही दिन 18 पेड़ काट डाले। व्यापारी ने भी मोहन को शाबाशी दी , शाबाशी सुनकर मोहन और गदगद हो गया और अगले दिन और ज्यादा मेहनत से काम किया । लेकिन ये क्या ? वह केवल 15 पेड़ ही काट पाया । व्यापारी ने कहा – कोई बात नहीं मेहनत करते रहो ।
तीसरे दिन उसने और ज्यादा जोर लगाया लेकिन केवल 10 पेड़ ही ला सका । अब मोहन बड़ा दुखी हुआ लेकिन वह खुद नहीं समझ पा रहा था क्युकी वह रोज पहले से ज्यादा काम करता लेकिन पेड़ कम काट पाता । हारकर उसने व्यापारी से ही पूछा – मैं सारे दिन मेहनत से काम करता हूँ लेकिन फिर भी क्यों पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है । व्यापारी ने पूछा – तुमने अपनी कुल्हाड़ी को धार कब लगायी थी । मोहन बोला – धार ? मेरे पास तो धार लगाने का समय ही नहीं बचता मैं तो सारे दिन पेड़ कटाने में व्यस्त रहता हूँ । व्यापारी – बस इसीलिए तुम्हारी पेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है ।
मित्रों यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है , हम रोज सुबह नौकरी पेशा करने जाते हैं , खूब काम करते हैं पर हम अपनी कुल्हाड़ी रूपी Skills को Improve नहीं करते हैं । हम जिंदगी जीने में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं कि अपने शरीर को भी कुल्हाड़ी की तरह धार नहीं दे पाते और फलस्वरूप हम दुखी रहते हैं ।
मित्रों कठिन परिश्रम करना कोई बुरी बात नहीं है पर Smart Work , Hard Work से ज्यादा अच्छा होता है, यही इस हिंदी कहानी की सीख है|
गन्दी शुरुआत – HINDI KAHANI
हरिया एक गांव में ही खेती करता था। खेती के लिए जमीन तो बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन हरिया के छोटे से परिवार के पालन पोषण के लिए काफी थी। हरिया सुबह बैल लेकर खेत की ओर निकलता फिर शाम को ही वापस आता था।
एक दिन हरिया का बैल बीमार पड़ गया। 2 बैलों की जोड़ी में अब केवल एक ही बैल बचा था, दूसरे बैल को तेज बुखार था। हरिया अपने बैल की दशा देखकर बड़ा दुखी हुआ। इस बैल ने दिन रात खेत में मेहनत करके परिवार को पाला है तो उसे बीमार देख दुःख होना तो लाजमी था।
हरिया के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि बैल को किसी पशु चिकित्सालय में ले जाकर उपचार करा पता। उदासी में डूबा हुआ हरिया सुबह खेतों पर जा रहा था कि अचानक उसे मुखिया जी के घर की खिड़की खुली दिखायी दी।
हरिया ने पास जाकर देखा तो खिड़की के पास ही एक सोने की घडी रखी दिखायी दी। वो घडी इतनी पास थी कि हरिया उसे आसानी से उठा सकता था लेकिन हरिया की आत्मा ने अंदर से मना किया कि चोरी करना पाप है।
हरिया अभी 2 कदम आगे ही बड़ा था कि फिर से उसे बीमार बैल का ख्याल आया उसने सोचा कि चलो आज चोरी कर लेता हूँ लेकिन आज के बाद कसम खाता हूँ कभी चोरी नहीं करूँगा। बस हरिया ने ये सोच कर वो घडी उठा ली और बाजार में ले जाकर बेच दी।
उस दिन तो हरिया का काम बन गया लेकिन अब जब भी कभी उसके सामने कोई समस्या आती वो चोरी करने का सोचने लगता। जब पैसों की जरुरत होती तो उसका मन करता कि किसी के घर चोरी कर लूँ। एक बार चोरी क्या की, हरिया के मन की दशा ही बदल गयी।
अब हरिया ने खेत में भी मेहनत करना कम कर दिया। जब कभी पैसों की जरुरत होती हरिया छोटी मोटी चोरी कर लेता लेकिन कब तक बच पाता। एक दिन हरिया एक सेठ के घर चोरी करता हुआ पकड़ा गया और उसे जेल में डाल दिया गया साथ ही इतना जुर्माना लगाया कि उसका घर खेत सब बिक गया।
अब हरिया उस दिन को कोस रहा था जब उसने पहली बार चोरी की थी। ना वो उस दिन चोरी करता और ना ही ये चोरी उसकी आदत बनती लेकिन अब क्या हो सकता था जब चिड़िया चुग गयी खेत।
दोस्तों जरा गौर से सोचो तो हमें भी ऐसी ही गन्दी आदतें पड़ चुकी हैं। हमने एक बार अपने फायदे के लिए झूठ बोला लेकिन आगे चलकर ये झूठ बोलना हमारी आदत बन जाता है। कई बार हम बहाने बना कर काम से बच जाते हैं लेकिन ये बहाने बनाना आगे चलकर हमारी आदत बन जाता है।
सच बात तो ये है कि आप जिस काम को नहीं चाहते उसकी कभी शुरुआत ही मत करिये क्योंकि अगर आपने एक बार किसी गन्दी आदत की शुरुआत कर दी फिर आप उसे बार बार करेंगे और इस तरह आपका पूरा जीवन गन्दी आदतों से घिर जायेगा।
=> आप गुस्सा करना नहीं चाहते तो कभी उसकी शुरुआत ही ना करें,
=> आप झूठ बोलना नहीं चाहते तो कभी उसकी शुरुआत ही ना करें
=> जिस काम को नहीं चाहते उसकी शुरुआत ही ना करें ,,,,नहीं तो एक दिन आपको भी पछताना जरूर पड़ेगा।
From - Rajan Singh Shahpur Bamheta
मोहन अब एक लकड़हारा बन गया था| नयी नौकरी से मोहन बहुत उत्साहित था , वह जंगल गया और पहले ही दिन 18 पेड़ काट डाले। व्यापारी ने भी मोहन को शाबाशी दी , शाबाशी सुनकर मोहन और गदगद हो गया और अगले दिन और ज्यादा मेहनत से काम किया । लेकिन ये क्या ? वह केवल 15 पेड़ ही काट पाया । व्यापारी ने कहा – कोई बात नहीं मेहनत करते रहो ।
तीसरे दिन उसने और ज्यादा जोर लगाया लेकिन केवल 10 पेड़ ही ला सका । अब मोहन बड़ा दुखी हुआ लेकिन वह खुद नहीं समझ पा रहा था क्युकी वह रोज पहले से ज्यादा काम करता लेकिन पेड़ कम काट पाता । हारकर उसने व्यापारी से ही पूछा – मैं सारे दिन मेहनत से काम करता हूँ लेकिन फिर भी क्यों पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है । व्यापारी ने पूछा – तुमने अपनी कुल्हाड़ी को धार कब लगायी थी । मोहन बोला – धार ? मेरे पास तो धार लगाने का समय ही नहीं बचता मैं तो सारे दिन पेड़ कटाने में व्यस्त रहता हूँ । व्यापारी – बस इसीलिए तुम्हारी पेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है ।
मित्रों यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है , हम रोज सुबह नौकरी पेशा करने जाते हैं , खूब काम करते हैं पर हम अपनी कुल्हाड़ी रूपी Skills को Improve नहीं करते हैं । हम जिंदगी जीने में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं कि अपने शरीर को भी कुल्हाड़ी की तरह धार नहीं दे पाते और फलस्वरूप हम दुखी रहते हैं ।
मित्रों कठिन परिश्रम करना कोई बुरी बात नहीं है पर Smart Work , Hard Work से ज्यादा अच्छा होता है, यही इस हिंदी कहानी की सीख है|
गन्दी शुरुआत – HINDI KAHANI
हरिया एक गांव में ही खेती करता था। खेती के लिए जमीन तो बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन हरिया के छोटे से परिवार के पालन पोषण के लिए काफी थी। हरिया सुबह बैल लेकर खेत की ओर निकलता फिर शाम को ही वापस आता था।
एक दिन हरिया का बैल बीमार पड़ गया। 2 बैलों की जोड़ी में अब केवल एक ही बैल बचा था, दूसरे बैल को तेज बुखार था। हरिया अपने बैल की दशा देखकर बड़ा दुखी हुआ। इस बैल ने दिन रात खेत में मेहनत करके परिवार को पाला है तो उसे बीमार देख दुःख होना तो लाजमी था।
हरिया के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि बैल को किसी पशु चिकित्सालय में ले जाकर उपचार करा पता। उदासी में डूबा हुआ हरिया सुबह खेतों पर जा रहा था कि अचानक उसे मुखिया जी के घर की खिड़की खुली दिखायी दी।
हरिया ने पास जाकर देखा तो खिड़की के पास ही एक सोने की घडी रखी दिखायी दी। वो घडी इतनी पास थी कि हरिया उसे आसानी से उठा सकता था लेकिन हरिया की आत्मा ने अंदर से मना किया कि चोरी करना पाप है।
हरिया अभी 2 कदम आगे ही बड़ा था कि फिर से उसे बीमार बैल का ख्याल आया उसने सोचा कि चलो आज चोरी कर लेता हूँ लेकिन आज के बाद कसम खाता हूँ कभी चोरी नहीं करूँगा। बस हरिया ने ये सोच कर वो घडी उठा ली और बाजार में ले जाकर बेच दी।
उस दिन तो हरिया का काम बन गया लेकिन अब जब भी कभी उसके सामने कोई समस्या आती वो चोरी करने का सोचने लगता। जब पैसों की जरुरत होती तो उसका मन करता कि किसी के घर चोरी कर लूँ। एक बार चोरी क्या की, हरिया के मन की दशा ही बदल गयी।
अब हरिया ने खेत में भी मेहनत करना कम कर दिया। जब कभी पैसों की जरुरत होती हरिया छोटी मोटी चोरी कर लेता लेकिन कब तक बच पाता। एक दिन हरिया एक सेठ के घर चोरी करता हुआ पकड़ा गया और उसे जेल में डाल दिया गया साथ ही इतना जुर्माना लगाया कि उसका घर खेत सब बिक गया।
अब हरिया उस दिन को कोस रहा था जब उसने पहली बार चोरी की थी। ना वो उस दिन चोरी करता और ना ही ये चोरी उसकी आदत बनती लेकिन अब क्या हो सकता था जब चिड़िया चुग गयी खेत।
दोस्तों जरा गौर से सोचो तो हमें भी ऐसी ही गन्दी आदतें पड़ चुकी हैं। हमने एक बार अपने फायदे के लिए झूठ बोला लेकिन आगे चलकर ये झूठ बोलना हमारी आदत बन जाता है। कई बार हम बहाने बना कर काम से बच जाते हैं लेकिन ये बहाने बनाना आगे चलकर हमारी आदत बन जाता है।
सच बात तो ये है कि आप जिस काम को नहीं चाहते उसकी कभी शुरुआत ही मत करिये क्योंकि अगर आपने एक बार किसी गन्दी आदत की शुरुआत कर दी फिर आप उसे बार बार करेंगे और इस तरह आपका पूरा जीवन गन्दी आदतों से घिर जायेगा।
=> आप गुस्सा करना नहीं चाहते तो कभी उसकी शुरुआत ही ना करें,
=> आप झूठ बोलना नहीं चाहते तो कभी उसकी शुरुआत ही ना करें
=> जिस काम को नहीं चाहते उसकी शुरुआत ही ना करें ,,,,नहीं तो एक दिन आपको भी पछताना जरूर पड़ेगा।
From - Rajan Singh Shahpur Bamheta
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